A Secret Weapon For Shiv chaisa
A Secret Weapon For Shiv chaisa
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जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
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शंकर हो संकट के Shiv chaisa नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
श्रीरामचरितमानस धर्म संग्रह धर्म-संसार एकादशी
सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥ किया तपहिं भागीरथ भारी ।
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा more info शत्रुन क्षयकारी॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥